अयोध्या: रामलला पहुंच चुके हैं, दोपहर 12 बजे प्रवेश के लिए होगा विशेष समारोह

अयोध्या: रामलला पहुंच चुके हैं,

रामलला पहुंच चुके हैं, रामलला की 51 इंच की मूर्ति आज निर्माणाधीन राम मंदिर के गर्भगृह में पहुंच गई. क्रेन की मदद से इस मूर्ति को मंदिर के अंदर पहुंचाया गया. नेपाल में काली नदी के शिला से निर्मित इस मूर्ति में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होनी है. इसके लिए मंदिर में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

अयोध्या में निर्माणाधीन राममंदिर के गर्भगृह में रामलला पहुंच चुके हैं. थोड़ी देर में उनकी स्थापना होगी. इस मौके पर गर्भगृह में विशेष पूजन का आयोजन किया गया. इसके बाद क्रेन की मदद से रामलला के विग्रह को मंदिर के अंदर ले जाया गया. नेपाल के काली नदी से आई शिला से निर्मात 51 इंच का विग्रह स्थापित होने के बाद इनकी प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया शुरू होगी. मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 22 जनवरी को होनी है.

श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मूर्ति को अंदर लाने से पहले गर्भगृह में एक विशेष पूजा आयोजित की गई थी, मूर्ति को एक क्रेन की मदद से मंदिर में लाया गया. मंदिर के गर्भगृह में श्रीरामलला का सिंहासन तैयार किया गया है, जिसकी ऊँचाई 3.4 फ़ीट ऊंची. इस सिंहासन पर भगवान के बाल स्वरुप की खड़ी प्रतिमा को विराजमान किया जाएगा, जहां भक्त अपने भगवान के दर्शन कर सकेंगे. 

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का प्रधान संकल्प लेते हुए आगे प्रक्रिया शुरू होगी. इससे पहले बुधवार को यहां महिलाओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली. उसके बाद पूजन कर रामलला के विग्रह को राम मंदिर परिसर में प्रवेश कराया गया था. बताया जा रहा है कि रामलला का यह विग्रह करीब 200 किलो वजन का है. जानकारी के मुताबिक विग्रह को गर्भ गृह में ले जाने से पहले यज्ञ मंडप के 16 स्तंभों और चारों द्वारों का पूजन किया गया.

कल ही मंदिर परिसर में आ गई थी मूर्ति

इस मौके पर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के मुख्य आचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि 16 स्तंभ 16 देवताओं के प्रतीक हैं. मंडप के चार द्वार चार वेदों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इसी प्रकार द्वार के दो-दो द्वारपाल चारों वेदों की दो-दो शाखाओं के प्रतिनिधि हैं. बता दें साढ़े 500 साल के संघर्ष के बाद श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराया गया है. अब 22 जनवरी को रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. इसको लेकर समूचे देश में हर्ष और उत्साह का माहौल है।

जानें आज क्या-क्या अनुष्ठान होंगे

रामलला पहुंच चुके हैं आज भी भगवान रामलला का विशेष पूजन होगा. कार्यक्रम के मुताबिक गुरुवार 18 जनवरी को मुहूर्तानुसार प्रधान संकल्प, गणेशाम्बिका पूजन, वरुण पूजन, चतुर्वेदोक्त, पुण्याहवाचन, मातृकापूजन, सोर्धारापूजन, आयुष्मंत्रजप, नांदीश्राद्ध, आचार्यादिऋत्विग्वरण, मधुपर्क पूजन, मंडप प्रवेश, दिग्रक्षण, पंचगव्यप्रोक्षण, मंडपांग्वास्तुपूजन, वास्तुबलिदान, मंडपसूत्रवेष्टन, दुग्धधारा, जलधाराकरण, षोडशस्तंभपूजनादि, मंडपपूजा, जलाधिवास, गंधादिवास सांय पूजन और आरती होगी.

अयोध्या में किया गया कलश पूजन

वहीं, प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला पहुंच चुके हैं अयोध्या में कई तरह के अनुष्ठान चल रहे हैं. इसके तहत बुधवार को सरयू नदी के तट पर कलश पूजन किया गया. प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले हो रहे अनुष्ठान की शुरुआत मंगलवार से हुई है, जो 21 जनवरी तक चलने वाली है. सरयू नदी के तट पर ‘यजमान’ (मुख्य यजमान) के जरिए कलश पूजन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा, उनकी पत्नी और अन्य लोगों ने कलश पूजन किया।

7 दिन तक चलेगा प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम

अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 7 दिन तक चलेगा. 

  • 16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से नियुक्त किए गए यजमान प्रायश्चित समारोह की शुरुआत हुई.
  • 17 जनवरी को 5 साल के रामलला की मूर्ति के साथ एक काफिला अयोध्या पहुंचा. रामलला की मूर्ति गर्भगृह में लाई गई. 
  • 18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे.
  • 19 जनवरी को पवित्र अग्नि जलाई जाएगी. नवग्रह की स्थापना और हवन किया जाएगा.
  • 20 जनवरी को राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और ‘अन्नाधिवास’ अनुष्ठान होगा.
  • 21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा.
  • 22 जनवरी की सुबह की पूजा के बाद दोपहर में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में रामलला के मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा.

अयोध्या में लौटा ‘त्रेता युग’

रामलला पहुंच चुके हैं, प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या नगरी राममय हो गई है. हर जगह ‘जय श्रीराम-सीताराम’ की गूंज है. अयोध्या के हर घर, हर दुकान, हर प्रतिष्ठान में ‘राम-राम’ के जयकारे सुने जा सकते हैं. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्ग

दर्शन में अयोध्या ‘त्रेता युग’ की तर्ज पर बदल रही है. रामपथ की दुकानों पर राम ध्वज लहरा रहे हैं. रामघाट से अयोध्या में प्रवेश करते समय एक होर्डिंग दिवाली समारोह की याद दिलाती है. रामभजन और रामायण से जुड़े गीत जब हवा में गूंजते हैं, तो रामभक्तों के दिलों में उत्साह पैदा करते हैं.

आपको बता दें कि राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अनुष्ठान किए जा रहे हैं. राम मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार अनुष्ठान 21 जनवरी तक जारी रहेंगे और प्राण प्रतिष्ठा के दिन रामलला की मूर्ति की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए आवश्यक हर अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे. 121 ‘आचार्य’ अनुष्ठान का संचालन कर रहे हैं. राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर एक बजे समाप्त होने की उम्मीद है.

 

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